Mobile - एक एलेट्रोनिक यंत्र है, जिसके पयोग से हम दूर-दराज में रहने वाले आदमियों से बात करने के साथ-साथ कुछ लिखकर भी भेज सकते है |
आज मोबाइल को एडवांस बनाकर तथा इन्टरनेट से जोड़कर इसमें अनेक कार्य करने की छमता डाली गई है |
आज मोबाइल को एडवांस बनाकर तथा इन्टरनेट से जोड़कर इसमें अनेक कार्य करने की छमता डाली गई है |
जैसे -
1 विडियो कॉल्लिंग
2 ऑनलाइन जानकारी लेने के लिए
आजकल लगभग ऑनलाइन की सारी कामो में मोबाइल का प्रयोग से होने लगा है ,अलग-अलग कामो के लिए अलग Mobile App को इनस्टॉल करना पड़ता है |
Mobile App - कोर्डिंग करके बनाई गई सोफ्टवेर जो केवल मोबाइल में प्रयोग किया जाता है उसे मोबाइल अप्प कहा जाता है |
मोबाइल अप्प चार प्रकार का होता है |
- Native Mobile Application
- Cross-Platform Native Mobile Application
- Hybrid mobile Application
- Progressive web Application
Native Mobile Application
इस अप्प को इस तरह से बनाया जाता की Android और IOS में बिना इन्टरनेट की सहायता से फ़ोन में चलाया जा सकता है |
ये अप्प को यूजर ओनर शिप के साथ प्रयोग करता है |
Cross-Platform Native Mobile Application
इस अप्प को बनाने के लिए अलग-अलग प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज का प्रयोग किया जाता है पर इसको कम्पाइल करने के लिए नेटिव एप्लीकेशन का प्रयोग किया जाता है जो मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में डाइरेक्ट्ली कम्पाइल होते है |
Hybrid mobile Application
इस अप्प को बनाने के लिए standard Web Technologies का प्रयोग किया जाता है जैसी की JavaScript, CSS, and HTML5 में बनाए जाती है |
ये अप्प यूजर फ्रेंडली होती पर अलग-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए अलग-अलग अप्प तयार किया जाता है |
Progressive web Application
ये अप्प JavaScript, CSS, and HTML के प्रयोग से बनाया जाता हैं और इसका सबसे बड़े फीचर इसका है की ये किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम में वर्क करता है |
इसको पयोग करने के लिए कोई भी अप्प इनस्टॉल करने का जरुरत नहीं होता है ये टोटली वेप सर्वर से वर्क करता है |
App कैसे बनाया जाता है
सबसे पहले सोचा जाता है की हमें अप्प को किस काम में प्रयोग करना है |
उसके बाद उस काम में कितने ऑप्शन डालना है ये पॉइंट आउट करना पड़ता है फिर उस आप्शन को ध्यान में रखते हुए यूजर फ्रेंडली डिजाईन किया जाता है, JavaScript, CSS, and HTM का प्रयोग करके |
इसको यूजर फ्रेंडली डिजाईन करने में काफी दिमाग लगाना पड़ता है और काफी कोडिंग भी करना पड़ता है |
यूजर फ्रेंडली डिजाईन होने के बाद टेस्टिंग किया जाता है| किसी डिजाईनर को कोई भी अप्प बनाते वक्त बार-बार टेस्टिंग किया जाता है |
टेस्टिंग में जो भी एरर आता है उसका फिर से कोर्डिंग किया जाता है |
एप्लीकेशन रेडी हो जाने के बाद लांच किया जाता है |
लास्ट में एप्लीकेशन के सपोर्ट तयार किया जाता है और समय-समय पर जो मिस्टेक दिखना है उसका अपडेट देना पड़ता है, साथ ही यूजर के सपोर्ट का भी प्रबंध करना पड़ता है |
lovely poems
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Mobile App Development kaise kiya jata hai.
Reviewed by Triveni Prasad
on
सितंबर 28, 2019
Rating:
Reviewed by Triveni Prasad
on
सितंबर 28, 2019
Rating:


The label “Web Development” states, deploying applications through frontend and backend codes. The knowledge of such codes are available with web developers. So, if you are ready to hire an Indian web development company then you must seek such acknowledgment among them.
जवाब देंहटाएंWith the passing of 2019 and starting of a new beginning i.e. 2020, So many features are get manipulated and many more have been put to updations. Since the last 10 years, Web Development have seen many drastic changes. Future of web development 2020 is:
जवाब देंहटाएं1. AI
2. Voice Commands
3. Frameworks
4. Chatbot
The founders of React Native proudly released React Native 0.62 Update for its users. The core reason for this update is fixing many issues. Moreover, the release handles the migration for both Android and iOS devices. Features of React Native 0.62 that makes it more native than ever are:
जवाब देंहटाएं1. Accessibility
2. Support to Android X
3. Cocoa Pods are now part of React Native's Project