सूरज के साथ जलो - खूबसूरत हिंदी कविता

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सूरज के साथ जलो

 सूरज के ही साथ जलो तुम 

यूँ बैठे ना हाथ मलो तुम |

करना जो भी आज अभी कर 

करके उसको पूर्ण टलो तुम |



सख्त मना है रुकना झुकना 

लेकर सबको साथ चलो तुम |

शाश्वत है बदलाव प्रकृति में 

अवसर के अनुकूल ढलो तुम |

राम भरोसे छोड़ा सब कुछ 

खुद को आखिर यूँ न चलो तुम |

आस-प्रत्यास न जीना सीखो 

अपने पुण्य प्रताप फलो तुम |

सुध्दर्ष कठिन संघर्ष करो 

खुद के ही सामथ्य पलो तुम |

सूरज के साथ जलो सूरज के साथ जलो Reviewed by Triveni Prasad on मार्च 15, 2021 Rating: 5

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