सूरज के ही साथ जलो तुम
यूँ बैठे ना हाथ मलो तुम |
करना जो भी आज अभी कर
करके उसको पूर्ण टलो तुम |
सख्त मना है रुकना झुकना
लेकर सबको साथ चलो तुम |
शाश्वत है बदलाव प्रकृति में
अवसर के अनुकूल ढलो तुम |
राम भरोसे छोड़ा सब कुछ
खुद को आखिर यूँ न चलो तुम |
आस-प्रत्यास न जीना सीखो
अपने पुण्य प्रताप फलो तुम |
सुध्दर्ष कठिन संघर्ष करो
खुद के ही सामथ्य पलो तुम |
सूरज के साथ जलो
Reviewed by Triveni Prasad
on
मार्च 15, 2021
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