एक रास्ते पे निकली है एक लड़की
ये सोचकर कि ये सीधे उसके "मंजिल" तक जाती है
पर उस रास्ते में वो कई अनजान मोड़ को पाती है
तब वो उलझ सी जाती
थोडा डरती है पर भी मिम्मत करती है
और उन रास्तों को ही अपना "हमसफर" मानकर आगे बढती है
फिर क्या था अब वो रास्ते हर मोड़ पर उसे कुछ नया सिखाते है
कई ठोकरे भी देते है पर हर ठोकर के साथ उसे और अधिक काबिल बनाते है
अभी भी जारी है सफर उसका अब देखना ये है कि वो मंजिल तक पहुँचती
है या फिर उन रास्ते को हमसफर बनाने वाली मुसाफिर बनकर रह जाती
है ..........................................
-:Prity Rani:-
रास्ते
Reviewed by Triveni Prasad
on
अक्तूबर 25, 2020
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