ना समझ बैठना राह में मिले यूँ सभी को दोस्त
जो अक्सर हमपे दोस्ती का हक़ जताते है
क्योंकि बहुत कम ही है जो यारी को दिल से निभाते है
वरना अधिकतर तो इसे एक किरदार समझकर अपने "Acting" का ढंग दिखाते हैं
पर अफसोस ये भी हम तब जान पाते है, जब आती है हम पर कोई मुसीबत और
हमें होती है एक यार की जरुरत |
क्योंकि ठीक उसी वक्त वो यारी का मुखौटा हटाते हैं
और अपना नया रंग दिखाते है |
ऐसे यारों से जरा रहना संभलकर
क्योंकि ऐसे लोग अक्सर आते है हमारी ही महफ़िल से निकलकर
जो सामने तो होते है पर उनसे सामना नहीं होता
वो तो एक "Actor" होते है उन्हें हमारा हाथ थामना नहीं होता |
"दोस्त" (girl Friend)
Reviewed by Triveni Prasad
on
अक्तूबर 26, 2020
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