दीप जलाएँ || Hindi Poem - खूबसूरत हिंदी कविता

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दीप जलाएँ || Hindi Poem

  घर बाहर दीपक जले, मिटे सकल अँधियार |

रोग शोक सब शांत हो, अंतेस् में उजियार ||

अंतेस् में उजियार, कराए जनके नाहर |

पूर्ण अंक शुभ दीप, जलाएँ सब घर बाहर ||



आध्यात्मिक संयोग है, सभी जलाएँ दीप |

दीपों के आलोक में, सटे न कष्ट समीप ||

सटे न कष्ट समीप, सभी दब जाएँ छाटिंक |

अंतस में उजियार, कराएँ हो आध्यात्मिक ||

दीप जलाएँ || Hindi Poem दीप जलाएँ || Hindi Poem Reviewed by Triveni Prasad on नवंबर 12, 2020 Rating: 5

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