कुछ कच्चे धागे सा रिश्ता है हमारा बड़े ही नाजुकता से है जिसे संवारा उम्मीद है आजीवन साथ निभाओगे सुख-दुख के लम्हे साथ बिताओगे |भले ही नाजुकता से है तुने संवरा पर कच्चे धागों सा नाजुक नहीं है ये रिश्ता हमारा सुख-दुख की तो अब बात ना करना क्योंकि अब जीना मरना भी साथ होगा हमारा |
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