"रिश्ता" || Hindi Poem - खूबसूरत हिंदी कविता

Recent Posts

"रिश्ता" || Hindi Poem

 कुछ कच्चे धागे सा रिश्ता है हमारा 

बड़े ही नाजुकता से है जिसे संवारा 

उम्मीद है आजीवन साथ निभाओगे 

सुख-दुख के लम्हे साथ बिताओगे |




भले ही नाजुकता से है तुने संवरा 

पर कच्चे धागों सा नाजुक नहीं है ये रिश्ता हमारा 

सुख-दुख की तो अब बात ना करना 

क्योंकि अब जीना मरना भी साथ होगा हमारा |

"रिश्ता" || Hindi Poem "रिश्ता" || Hindi Poem Reviewed by Triveni Prasad on नवंबर 05, 2020 Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

#
Blogger द्वारा संचालित.