"क्या बोलूँ" || Hindi Poem - खूबसूरत हिंदी कविता

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"क्या बोलूँ" || Hindi Poem

   ये बात बहुत अच्छे से समझ ली है मैंने 

कोई गलती ना करके की गलती की है मैंने |


पढ़ो, क्या खूब लिखा है मुस्तकबिल मेरा 

कि मरने के बाद भी खुदकुशी की है मैंने |




मैं बोलूं तो बदनाम और चुप रहूं तब भी 

जुबाँ से क्या गज़ब गुस्ताखी की है मैंने |


ख़ुद की ही नजरों में गिराया था आइने ने 

बता दो उसे, बग़ावत की तैयारी की है मैंने |


और वो सब तो इतने में ही खफ़ा हो गये !

अरे ! अभी तो आधी ही शायरी की है मैंने |


"क्या बोलूँ" || Hindi Poem "क्या बोलूँ" || Hindi Poem Reviewed by Triveni Prasad on नवंबर 04, 2020 Rating: 5

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