"सपनों की दुनिया" || Hindi Poem - खूबसूरत हिंदी कविता

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"सपनों की दुनिया" || Hindi Poem

 मैं तुझे हकीकतों में ढूंढता रहा 

पर तू मुझे कहीं ना मिली 

आँख खुली तो पता चला 

तू सपनों के पिंजरों में कैद थी|

सपनों की दुनिया


गर सपने के पिंजरों में कैद है कोई ख़ुशी

तो उसे आजाद कीजिए

यूँ घूँट-घूँट कर क्यों जीना ख्यालों में 

खुलकर जिन्दगी के मज़े लीजिए

बनाकर सपने को हकीकत 

अपने साथ-साथ उनकी भी जिंदगी आबाद कीजिए|

"सपनों की दुनिया" || Hindi Poem "सपनों की दुनिया" || Hindi Poem Reviewed by Triveni Prasad on नवंबर 09, 2020 Rating: 5

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