pushp ki aasha Hindi poem - खूबसूरत हिंदी कविता

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pushp ki aasha Hindi poem

" पुष्प की आशा "

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कौन पुष्प को तोड़कर,

माल पहल इतराता ?

कौन पुष्प को तोड़कर,

अंग अपने सजाता ?

कौन पुष्प को तोड़कर,

अपनी सखी को दे जाता ?


पुष्प को तंग करने की,

किसकी इनती आशा ?

क्या तुमने नहीं पढ़ी,

"पुष्प की अभिलाषा" |

pushp ki aasha Hindi poem pushp ki aasha Hindi poem Reviewed by Triveni Prasad on नवंबर 20, 2020 Rating: 5

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