" कौन सुनेगा "कौन सुनेगा दुःख तुम्हारा चिड़िया सुन ले शायद दुबकी मुँडेर पर धूल आँगन की या फूल अंतिम वसंतीचीटियाँ सुन ले रेंगती अवसाद पर चीलकोई एकाकीया चाँद आंधी रात का सुन लेगा होगा जो भी आकुल गाने को दुख अपना तुम्हारी तरह पारुल पुखराज
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