"ख़त में क्या लिखा तुमने"
ख़त में क्या लिखा था तुमने जो छुपा रही हो,
कुछ तो होगा जो तुम ना बता रही हो,
शाम ये अजीज़ सी, चाँद के करीब सी,
कुछ तो चल रहा है जो तुम ना जता रही हो,
अब तो बता दो,कुछ तो पता दो
हमको तुम क्यों इस तरह सता रही हो,
बात जो होठो पे तुम ना ला रही हो,
दिल में क्या है जो इस तरह मुस्कुरा रही हो ||
ये ना समझो मै तुम्हें सता रही हूँ
अब तक दिल में थी जो बात दिमाग को भी बता रही हूँ
लेकर दिल में जिस खूबसूरत एहसास को तन्हाई में भी मुस्काती थी
उसे अपने जुबां पे ला रही हूँ
पर जब तुम आते तो सामने तो जता नहीं पा रही हूँ
तुम कितने खास हो ये तुम्हें बता नहीं पा रही है |
ख़त में क्या लिखा तुमने (hindi lovely poem)
Reviewed by Triveni Prasad
on
नवंबर 02, 2020
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